Header Ads

अगर बात आस्था की होती तो भारत में गाय की तरह सूअर भी पूजा जाता- केआरके






वेब डेस्क। बाॅलीवुड एक्टर कमाल राशीद खान ने आस्था की आढ़ में गाय को लेकर देश में चल रही राजनीति पर तीखा वार किया है. केआरके ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘‘बात आस्था की ही होती तो, पूरे भारत में सूअर की भी गाय की तरह पूजा होती, कयोंकि वो भी तो विष्णु जी का अवतार है!’’

3) बात आस्था की ही होती तो, पूरे भारत में सूअर की भी गाय की तरह पूजा होती, कयोंकि वो भी तो विष्णु जी का अवतार है!
बुधवार को राज्यसभा में सपा सांसद नरेश अग्रवाल के विवादित बयान पर मचे बवाल के बाद गाय और आस्था को लेकर बाॅलीवुड एक्टर केआरके का ट्वीट सामने आया. देश भर में गाय को लेकर बढ़ी हिंसा और moblynching के पीछे केआरके ने गाय पर आस्था नहीं बल्कि एक सोची समझी चाल बताई है. केआरके ने एक के बाद एक लगातार पांच ट्वीट किए. जिसमें गणेश जी की सवारी चूहे से लेकर भोलेनाथ के कंठहार सांप और अनुमान अवतार बन्दर तक को मारने पर सवाल उठाये हैं. साथ ही गोवा और पूर्वोत्तर राज्यों में बीफ बढ़ोत्तरी और दूसरे राज्यों में गाये के नाम पर इंसानों की हत्या पर भी केंद्र सरकार से सवाल किये हैं. केआरके ने इसे आस्था का नहीं बल्कि देश में अशांति, आपसी नफरत फैलाकर राजनीती करना बताया है. जिस पर देश की जनता को विचार करने की सलाह भी दी है.

KRK Twitt 

1) बात आस्था की होती तो, चूहे मारने वाली दवा पर रोक होती, आखिर वो गणेश जी का वाहन है।
2) बात आस्था की होती तो, सांप मारने वाले भी जेल में होते या lynching का शिकार होते, क्योंकि आखिर वो भी तो भोलेनाथ का कंठहार है।
3) बात आस्था की ही होती तो, पूरे भारत में सूअर की भी गाय की तरह पूजा होती, कयोंकि वो भी तो विष्णु जी का अवतार है!
4) बात आस्था की ही होती तो, बन्दर प्रयोगशालाओ में ना मरते, क्योंकि आख़िर वो भी तो हनुमानजी के अवतार है।
5)बात आस्था की होती तो, रोज़ाना सेकडों गाये GOA में ना मरती! बात सिर्फ देश में अशांति, आपसी नफरत फैलाकर राजनीती करने की है।विचार अवश्य करें।
केआरके ने अपने एक ट्वीट में यह भी लिखा कि, ‘‘दाल से सस्ता दलित, मांस से सस्ता मुसलमान, इंसानियत से बड़ी हैवानियत, इंसान से बड़ा जानवर! बात भावनाओ या आस्था की नहीं, बल्कि देश बदल रहा है!’’ उनका इशारा दलित और मुसलमानों के साथ हो रहे हिंसक वारदातों से है. जो कि पिछले कुछ महीनों में काफी बढ़ चुके है. इसके साथ ही उन्होंने आस्था के नाम पर देश भर में हिंसा फैलाने वाली बीजेपी पार्टी के जुमले को व्यंगात्मक रूप से लिखा है.

दाल से सस्ता दलित, मांस से सस्ता मुसलमान, इंसानियत से बड़ी हैवानियत, इंसान से बड़ा जानवर! बात भावनाओ या आस्था की नहीं, बल्कि देश बदल रहा है!
जिस देश में corruption के ख़िलाफ़ बोलते ही Kapil और Malishka की तरह BMC का Notice मिल जाए, वो देश 100% बदल रहा है! यानी जो भी बोलेगा, नपेगा!
Twitter Ads info and privacyFacebookTwitterGoogle+WhatsLinkedIn




हमारा Facebook पेज Like करने के लिए यहाँ क्लिक करें
Powered by Blogger.